
नए उत्तर
महिला का अपने अभिभावक की अनुमति के बिना बाहर निकलना वर्जित है
सुरक्षित करेंक्या पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने अली रज़ियल्लाहु अन्हु के लिए खिलाफत की वसीयत की थी?
सुरक्षित करेंक्या नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने किसी मुशरिक को क़त्ल किया?
सुरक्षित करेंवुज़ू के दौरान नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की प्रतिष्ठा के माध्यम से दुआ मांगना
सुरक्षित करेंउपचार कराने का हुक्म
सुरक्षित करेंमहिलाओं के अपने घर से बाहर काम करने के नियम
सुरक्षित करेंसूदी बैंक और इस्लामिक बैंक के बीच अंतर
सुरक्षित करेंबैंक द्वारा किस्तों पर कार बेचने की वैद्धता की शर्तें
सुरक्षित करेंक्या इस्लाम में महिला का अपमान किया जाता है?
1- इस्लाम में नारी अपमानित नहीं है। 2- क़ुरआन की आयतों में बेटों को जीवन की शोभा के रूप में वर्णित करने का उल्लेख, दरअसल लोगों की वस्तुस्थिति के बारे में सूचना देना है। उनमें बेटों पर गर्व करने और बेटियों की उपेक्षा कर केवल उन्हीं से प्रेम करने का निर्देश नहीं है। 3- लड़कियों का तिरस्कार करना जाहिलिय्यत (इस्लाम-पूर्व युग) के लोगों का रवैया है, यह इस्लाम के अनुयायियों का रवैया नहीं है। 4- अल्लाह के आदम की संतान को सम्मान देने में पुरुषों के साथ-साथ स्त्रियाँ भी शामिल हैं।सुरक्षित करेंईसाइयों के निकट मोक्ष के सिद्धांत पर चर्चा
मुसलमानों का मानना है कि ईसा मसीह (अलैहिस्सलाम) सूली पर नहीं मरे थे और न ही किसी बलिदान, या किसी मोक्ष या किसी त्रिदेव का अस्तित्व है। इसी तरह, मुसलमान वंशानुगत पाप के अस्तित्व में भी विश्वास नहीं करते, क्योंकि कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे के पाप को अपने ऊपर नहीं लेता और न ही उसे छुड़ाने के लिए खुद को बलिदान करता है। अल्लाह ने तौबा करने वालों से उनकी तौबा क़बूल करने का वादा किया है क्योंकि पाप करने वाले की तौबा के माध्यम से पाप को क्षमा करना ही धर्मी और दयालु अल्लाह के लिए उचित है, न कि हत्या, सूली और रक्तपात। मसीह ने अच्छे कार्यों और धार्मिकता के महत्व पर जोर दिया और अपने लोगों को उस छुटकारे (मोक्ष) के बारे में नहीं बताया जिसके द्वारा वे क़ियामत के दिन हिसाब से बच जाएँगे।सुरक्षित करें

मुहर्रम का महीना
उत्तर
नये हिज्री वर्ष की शुरूआत पर बधाई देने का हुक्म
सुरक्षित करेंमुहर्रम के महीने में अधिक से अधिक नफ्ल रोज़े रखने की फज़ीलत
सुरक्षित करेंअल्लाह के महीने मुहर्रम की प्रतिष्ठा
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