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नफ्ल (स्वेच्छिक) रोज़े
अय्यामुल-बीज़ और शाबान के महीने में रोज़ा रखने के लिए प्रोत्साहन
हर महीने तीन दिन रोज़े रखना मुसतहब है, और सबसे अच्छा यह है कि ये (तीन रोज़े) अय्यामुल-बीज़ में रखे जाएँ, जो कि चाँद के महीने की 13वीं, 14वीं और 15वीं तारीख़ है। शाबान में तीन दिन रोज़े रखने में कोई हर्ज नहीं है, भले ही उनमें से कुछ महीने के उत्तरार्ध में हों। तथा शाबान के महीने में अधिक से अधिक रोज़ा रखने में भी कोई हर्ज नहीं है, बल्कि यह सुन्नत है।सुरक्षित करेंयदि शेष दिन पर्याप्त नहीं हैं तो क्या वह क़ज़ा करने से पहले शव्वाल के छ: रोज़े से शुरूआत करेगा ?
सुरक्षित करेंशव्वाल के महीने के दूसरे दिन रोज़ा रखना जायज़ है।
सुरक्षित करेंशाबान के रोज़े को रमज़ान के साथ मिलाना
सुरक्षित करेंशाबान के दूसरे अर्द्ध में रोज़ा रखने से निषेध
सुरक्षित करेंक्या शाबान के पूरे महीने का रोज़ा रखना मुस्तहब है ?
सुरक्षित करेंरजब के महीने में रोज़ा रखना
सुरक्षित करेंरमज़ान के रोज़े की क़ज़ा से पहले स्वैच्छिक रोज़ा रखना
सुरक्षित करेंक्या शव्वाल के रोज़े प्रति वर्ष रखने ज़रूरी हैं ?
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