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महिला की पवित्रता
मासिक धर्म समाप्त होने के बाद और स्नान करने से पहले पत्नी के साथ संभोग करने से पश्चाताप करने का तरीक़ा
सुरक्षित करेंसलसुल-बौल (मूत्र असंयम) से पीड़ित व्यक्ति की पवित्रता और नमाज़
जिस किसी को ह़दस (नापाकी) की शिकायत निरंतर रहती हो, जैसे सलसुल-बौल का रोगी, तो अधिकांश विद्वानों ने सलसुल बौल के रोगी को मुस्तह़ाज़ा अर्थात अनियमित गैर-मासिक रक्तस्राव से पीड़ित महिला के समान नियमों के अंतर्गत आने वाला माना है। और वह : - नापाकी (अशुद्धता) को फैलने से रोकने वाले साधनों का प्रयोग करते हुए - प्रत्येक नमाज़ के समय वुज़ू करेगा तथा अपने उस वुज़ू के साथ जितना भी चाहे फ़र्ज़ (अनिवार्य) एवं नफ़्ल नमाज़ें पढ़ेगा। यदि मान लिया जाए कि सलसुल-बौल से पीड़ित व्यक्ति ने वुज़ू किया, फिर उसके बाद पेशाब का कुछ भी क़तरा नहीं निकला और दूसरी नमाज़ का समय शुरू होगया, तो उसके लिए दोबारा वुज़ू करना ज़रूरी नहीं है, बल्कि वह अभी भी अपने पहले वुज़ू पर बाक़ी है। तथा उसके लिए दो नमाज़ों को एकत्र करने की (भी) अनुमति है।सुरक्षित करेंमासिक धर्म वाली महिला कब रोज़ा रखेगीॽ
सुरक्षित करेंमहिला से लगातार निकलने वाला स्राव रोज़े को प्रभावित नहीं करता है
सुरक्षित करेंयदि निफास वाली महिला चालीस दिनों से पहले पवित्र हो जाती है, तो उसे ग़ुस्ल करना चाहिए और नमाज़ पढ़ना चाहिए और रोज़ा रखना चाहिए
सुरक्षित करेंरमज़ान के अंतिम दस दिनों में मासिक धर्म रोकने की गोलियाँ लेना
सुरक्षित करेंज्ञान की सभा या क़ुर्आन कंठस्थ करने की कक्षा में उपस्थित होने के लिए मासिक धर्म वाली महिला का मस्दिज के अंदर प्रवेश करना
सुरक्षित करेंयदि 11 सप्ताह के बाद भ्रूण की मौत के बारे में पता चला तो क्या उसके बाहर निकलने पर उसका जनाज़ा पढ़ा जायेगा और उसका नाम रखा जायेगा ॽ
सुरक्षित करेंजनाबत (अपवित्रता) से स्नान का तरीक़ा
सुरक्षित करेंवुज़ू का तरीक़ा
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