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ईसाइयों के निकट मोक्ष के सिद्धांत पर चर्चा
मुसलमानों का मानना है कि ईसा मसीह (अलैहिस्सलाम) सूली पर नहीं मरे थे और न ही किसी बलिदान, या किसी मोक्ष या किसी त्रिदेव का अस्तित्व है। इसी तरह, मुसलमान वंशानुगत पाप के अस्तित्व में भी विश्वास नहीं करते, क्योंकि कोई भी व्यक्ति किसी दूसरे के पाप को अपने ऊपर नहीं लेता और न ही उसे छुड़ाने के लिए खुद को बलिदान करता है। अल्लाह ने तौबा करने वालों से उनकी तौबा क़बूल करने का वादा किया है क्योंकि पाप करने वाले की तौबा के माध्यम से पाप को क्षमा करना ही धर्मी और दयालु अल्लाह के लिए उचित है, न कि हत्या, सूली और रक्तपात। मसीह ने अच्छे कार्यों और धार्मिकता के महत्व पर जोर दिया और अपने लोगों को उस छुटकारे (मोक्ष) के बारे में नहीं बताया जिसके द्वारा वे क़ियामत के दिन हिसाब से बच जाएँगे।सहेजेंकिताबों और सन्देष्टाओं पर ईमान लाना
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