
वर्गीकरण
शाबान का महीना
अय्यामुल-बीज़ और शाबान के महीने में रोज़ा रखने के लिए प्रोत्साहन
हर महीने तीन दिन रोज़े रखना मुसतहब है, और सबसे अच्छा यह है कि ये (तीन रोज़े) अय्यामुल-बीज़ में रखे जाएँ, जो कि चाँद के महीने की 13वीं, 14वीं और 15वीं तारीख़ है। शाबान में तीन दिन रोज़े रखने में कोई हर्ज नहीं है, भले ही उनमें से कुछ महीने के उत्तरार्ध में हों। तथा शाबान के महीने में अधिक से अधिक रोज़ा रखने में भी कोई हर्ज नहीं है, बल्कि यह सुन्नत है।सुरक्षित करेंशाबान के दूसरे अर्ध भाग में रमज़ान के छूटे हुए रोज़ों की क़ज़ा करने में कोई आपत्ति की बात नहीं है
सुरक्षित करेंरमज़ान के छूटे हुए रोज़ों की क़ज़ा करने की नीयत से शक के दिन रोज़ा रखना
सुरक्षित करेंशाबान के अंतिम दिन गीतों के साथ खाने के लिए एकत्रित होना
सुरक्षित करेंक्या यह बात सही है कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर स्वैच्छिक रोज़े इकट्ठा हो जाते थे तो आप उन्हें शाबान में कज़ा करते थेॽ
सुरक्षित करेंशक के दिन का रोज़ा रखना
सुरक्षित करेंशाबान के दूसरे अर्द्ध में रोज़ा रखने से निषेध
सुरक्षित करेंक्या अल्लाह तआला अर्द्ध शाबान की रात को पहले आकाश पर उतरता हैॽ
सुरक्षित करेंशाबानिया (शब-ए-बारात) की बिदअत
सुरक्षित करेंअर्ध शाबान की रात को कोई विशिष्ट उपासना नहीं की जायेगी
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