पवित्र क़ुरआन में वर्णित किसी भी अच्छा दिखने वाले शब्द से बच्चों का नाम रखने का हुक्म

प्रश्न: 204257

कुछ लोग अपने बच्चों का नाम "लैसा" (ليس) रखते हैं, यह तर्क देते हुए कि क़ुरआन का कोई भी शब्द नवजात शिशु के नाम के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है, बशर्ते कि उसका कोई बुरा अर्थ न हो। इस बारे में आपकी क्या राय है?

उत्तर का पाठ

हर प्रकार की प्रशंसा एवं गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है, तथा दुरूद व सलाम की वर्षा हो अल्लाह के रसूल पर। इसके बाद :

नामकरण के विषय में धर्मसंगत यह है कि अच्छे उच्चारण और अच्छे अर्थ दोनों को ध्यान में रखते हुए एक अच्छा नाम चुना जाए। अतः कठोर लगने वाले शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए, भले ही उनका अर्थ सही (अच्छा) हो, तथा अच्छे लगने वाले शब्दों का भी प्रयोग नहीं करना चाहिए यदि उनका अर्थ अच्छा न हो।

किसी भी चीज़ की वास्तविकता पर ध्यान दिए बिना, केवल उसके बाहरी रूप के आधार पर उसे अच्छा समझने से निषेध किया गया है। इमाम मुस्लिम (हदीस संख्या : 2564) ने अबू हुरैरा रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत किया है, कि उन्होंने कहा : अल्लाह के रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने फ़रमाया : "अल्लाह तुम्हारे बाहरी रूप या तुम्हारे धन को नहीं देखता, बल्कि वह तुम्हारे दिलों और तुम्हारे कर्मों को देखता है।"

तथा नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने कुछ अच्छे दिखने वाले नामों से इसलिए मना किया क्योंकि कुछ वाक्यों और वाक्यांशों में उनका इस्तेमाल बुरा हो सकता है। इमाम मुस्लिम (हदीस संख्या : 2137) ने समुरह बिन जुनदुब (रज़ियल्लाहु अन्हु) से रिवायत किया है : "रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने लड़के का नाम रबाह, यसार, नुजैह और अफ़लह रखने से मना किया।" पर ऐसा क्यों?

नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने इस निषेध का कारण स्पष्ट करते हुए फरमाया : "क्योंकि तुम पूछोगे : क्या वह वहाँ है? और वह नहीं होगा, तो तुम कहोगे : नहीं।" दूसरे शब्दों में, तुम उसके बारे में पूछते हुए कहोगे : क्या तुम्हारे पास रबाह (लाभ) या अफ़लह (समृद्ध) है? और अगर वह वहाँ नहीं है, तो जवाब देने वाला कहेगा : नहीं। इस इनकारी जवाब से ऐसा लगेगा जैसे वह कह रहा है कि उसके पास कोई समृद्धि या लाभ नहीं है, जो एक नकारात्मक अर्थ है जिसे लोग सुनना पसंद नहीं करते, भले ही वक्ता का आशय यह नकारात्मक अर्थ न हो।

इस हदीस से यह भी इंगित होता है कि पवित्र क़ुरआन में उल्लिखित प्रत्येक शब्द का नाम के रूप में उपयोग करना सही नहीं है। क्योंकि "अफ़लह" शब्द पवित्र क़ुरआन में हूबहू आया है। अल्लाह तआला ने फरमाया :  قد أفلح المؤمنون   "निश्चय ईमान वाले सफल हो गए।" [सूरत अल-मूमिनून : 1]। इसके बावजूद, नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने इस नाम का उपयोग करने से मना कर दिया।

इसके अलावा, यदि हम पैगंबर (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) और आपके साथियों के आचरण को देखें, फिर विद्वानों की पुस्तकों और पीढ़ी दर पीढ़ी मुसलमानों के आचरण पर नज़र डालें, तो हमें उनमें से ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं मिलेगा जिसने इस तरह नाम चुना हो।

नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने हमें अब्दुल्लाह और अब्दुर-रहमान जैसे अच्छे नाम चुनने का आग्रह किया। आपने हमें केवल इसलिए कोई नाम चुनने का आग्रह नहीं किया क्योंकि वह पवित्र क़ुरआन में आया है। पवित्र क़ुरआन में कितने ही ऐसे नाम आए हैं जिन्हें मुसलमान अपने बच्चों के नाम नहीं रख सकते हैं, जैसे फ़िरऔन, हामान और क़ारून।

इसी तरह, हमें सहाबा रज़ियल्लाहु अन्हुम में से भी कोई ऐसा नहीं मिलता जिसने ऐसा किया हो, जबकि वे पवित्र क़ुरआन से हम से अधिक प्रेम और सम्मान करने वाले थे।

इसी तरह, हमें कोई भी ऐसा विद्वान नहीं मिलता जिसने बच्चों के नाम इस तरह से रखने को अच्छा समझा हो। तथा मुसलमानों ने इसका पालन भी नहीं किया है। बल्कि, ज़्यादातर मुसलमानों के नाम — जैसा कि इतिहास और जीवनी की किताबों से पता चलता है — अब्दुल्लाह, अब्दुर-रहमान, अब्दुर-रहीम, मुहम्मद, अहमद, इत्यादि जैसे नामों के इर्द-गिर्द घूमते थे।

इसलिए हमें लोगों को ऐसा करने से मना करना चाहिए और उन्हें समझाना चाहिए कि यह न तो कोई सुंदर कार्य है और न ही कोई अच्छा व्यवहार।

एक पिता को अपने बच्चों का नाम रखते समय, नबी (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) की सुन्नत के आधार पर, विद्वानों की पुस्तकों में वर्णित नामकरण के शिष्टाचार का पालन करना चाहिए।

अधिक जानकारी के लिए, बच्चों के नामकरण के शिष्टाचार के बारे में जानने के लिए प्रश्न संख्या : (7180) का उत्तर देखें।

निषिद्ध और नापसंद नामों के बारे में जानने के लिए प्रश्न संख्या : (1692) का उत्तर देखें।

और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।

संदर्भ

स्रोत

साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर