गुरुवार 18 रमज़ान 1445 - 28 मार्च 2024
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दाँतो को सीधा करने का हुक्म

प्रश्न

अगर निचला जबड़ा छोटा है और उसमें दाँत अतिव्यापी और टेढ़े-मेढ़े हैं, साथ ही ऊपरी जबड़े के दाँत आगे की ओर निकले हुए हैं, तो दाँतों को सीधा करने (ब्रेसिज़ लगाने) का क्या हुक्म हैॽ ज्ञात रहे कि सीधी करने (ब्रेसिज़ लगाने) की प्रक्रिया में अतिरिक्त जगह बनाने के लिए कुछ दाँतों को निकालने की आवश्यकता होती है, तथा ब्रेसिज़ को हटाने के बाद, लोहे को फिक्स करने वाली सामग्री के निशान को हटाने के लिए दाँत को चिकना करने की आवश्यकता होती हैॽ

उत्तर का पाठ

हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.

शैख़ सालेह अल-फ़ौज़ान से दाँतों को सीधा करने के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा : यदि इसकी आवश्यकता है, जैसे कि दाँतों में कुछ विकृति है और उसे ठीक करने की आवश्यकता है, तो इसमें कुछ भी आपत्ति नहीं है। लेकिन अगर इसकी आवश्यकता नहीं है, तो यह जायज़ नहीं है। बल्कि सौंदर्यीकरण के उद्देश्य से दाँतों को तेज़ व बारीक करने और उनके बीच विस्तार पैदा करने से मना किया गया है, और ऐसा करने पर कड़ी चेतावनी आई है। क्योंकि यह एक तरह का खिलवाड़ (व्यर्थता) है और अल्लाह की रचना को बदलना है। 

लेकिन अगर यह, उदाहरण के लिए, इलाज के उद्देश्य से किया जाता है, या किसी विकृति को दूर करने के लिए, या उसकी आवश्यकता होने के कारण किया जाता है, जैसे कि यदि कोई व्यक्ति तब तक खाने में सक्षम नहीं है जब तक कि दाँत ठीक और सीधे नहीं किए जाते हैं, तो इसमें कोई हर्ज नहीं है।

जहाँ तक अतिरिक्त दाँतों को हटाने का संबंध है, तो शैख इब्ने जिबरीन ने कहा : अतिरिक्त दाँत को हटाने में कोई हर्ज नहीं है, क्योंकि यह दृश्य को विकृत करता है और आदमी को इससे दिक़्क़त होती है, .... लेकिन उनके बीच विस्तार पैदा करना या उन्हें तेज़ व बारीक करना जायज़ नहीं है क्योंकि ऐसा करने से मना किया गया है।

स्रोत: फ़तावा अल-मर्अतुल-मुस्लिमा (1/477)